दिमाग की बड़ी से बड़ी समस्या का पक्का इलाज है कमलबीज
आज की वीडियो में हम बात करेंगे बच्चों की दिमाग के विकास के लिए और आपको बताएंगे एक अद्भुत घरेलू नुस्खा जिसकी मदद से आप निश्चित तौर पर बच्चों का बेहतर दिमागी विकास कर पाएंगे ,इसके अलावा यदि बच्चों की स्मरण शक्ति कम है या आपके घर में बुजुर्ग हैं और उनकी याददाश्त कम होती जा रही है तो उनके लिए भी अद्भुत है कमलगट्टा यदि आप इसका हलवा बनाकर पूरे घर को खिलाते हैं तो सभी की स्मरण शक्ति और शारीरिक शक्ति दोनों में ही भारी इजाफा होता है,साथ ही महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान से ही कुछ टिप्स जिनकी मदद से गर्भावस्था के शुरुआती दिनों से ही बच्चों के दिमाग के विकास की प्रक्रिया शुरु की जा सके इस साधारण लेकिन अद्भुत कारगर घरेलू उपाय की मदद से आप अपने बच्चों का दिमागी विकास कर पाएंगे यदि बच्चे सामान्य तौर पर दिमागी रूप से कमजोर है तब भी आप इन नुस्खों का प्रयोग करके बच्चों की स्थिति में यथोचित सुधार कर पाएंगे, निश्चित तौर पर सुधार कर पाएंगे,
कमलगट्टा
आइए आप जानते हैं कमलगट्टे का उपयोग कैसे करें ,इसको खाने की विधि, सामान्य तौर पर कमलगट्टे को कच्चा ही खा सकते हैं यदि आपको स्वाद उसका अच्छा नहीं लगे ,तो अन्य तरीके उपयोग करें ,यदि कच्चा खा सकें तो यह बेहद फायदेमंद रहता है, इसका स्वाद मूंगफली के जैसा होता है साधारण तौर पर यह खाने में स्वादिष्ट ही लगता है, यदि बच्चे कच्चा नहीं खा पाए उस स्थिति में आप इसका हलवा बना सकते हैं,
हलवा बनाने के लिए कमलगट्टे के बीज को निकाल कर के उसका छिलका उतार लीजिए और इस का हरा भाग हटा दीजिए अब इस को पीस कर के घी मैं गुलाबी होने तक भून लीजिए ,जब पूरी तरीके से भून लें तब इसमें मिश्री और इलायची पाउडर मिलाकर इसका सेवन करें ,यह हलवा मस्तिष्क के लिए और शरीर को निरोग बनाए रखने में अमृत के समान होता है, इसको हफ्ते में एक बार सामान्य तौर पर सेवन करें ,यदि दिमाग की शक्ति की कमी है उस स्थिति में नियमित सेवन भी कर सकते हैं ,
इसके अलावा कमलगट्टे का एक और बहुत लाभकारी उपयोग है गर्भावस्था के शुरुआती दिनों से ही यदि माताएं कमलगट्टे का रोज सेवन करती है तो बच्चे के दिमागी विकास के लिए बहुत ज्यादा कारगर होता है इसके अलावा गर्भावस्था की सामान्य समस्याओं के लिए भी बेहद कारगर है गर्भावस्था में सामान्यता मूंगफली की तरह इसको रोज खाया जा सकता है इससे गर्भ से ही बच्चे का पूर्ण मानसिक विकास सुचारु रुप से हो पाएगा और जीवनभर उनको स्मरण शक्ति और शारीरिक शक्ति की समस्या नहीं होगी, इसके अलावा महिलाओं को भी किसी प्रकार की गर्भावस्था से उत्पन्न कमजोरी का सामना नहीं करना पड़ेगा ,धन्यवाद।

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