वर्षा ऋतु की परेशानियां हैजा (डायरिया ) का पक्का इलाज है लहसुन
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वर्षा ऋतु की परेशानियां हैजा (डायरिया ) का पक्का इलाज है लहसुन
बारिश के मौसम में डायरिया और हैजा जैसी समस्याएं बहुत ज्यादा फैलती है, डायरिया को हैजा की प्रारंभिक स्थिति कहा जाता है ,यह एक संक्रामक रोग होता है, यह रोग अधिकतर बरसात के दिनों में अपना प्रभाव दिखाता है, यह रोग दूषित पानी पीने से, रोगाणु रहित भोजन करने से, गंदे स्थान पर रहने से, बरसात का पानी जिस जगह पर इकट्ठा हो वहां पर यह रोग फैलता है ,इसका मुख्य कारण संक्रमण ही होता है, इस रोग के लक्षण दस्त और उल्टी के साथ शुरू होते हैं जिसे डायरिया कहा जाता है उचित देखभाल व उपचार ना होने पर यह हैजा का रूप धारण कर लेता है ,हाथ पैरों में अकड़न, प्यास का अधिक लगना ,पूरे शरीर में दर्द , थोड़ी थोड़ी देर में पेट में अकड़न हो , ये कुछ लक्षण है डायरिया के , हम आपको बताएंगे डायरिया का घरेलू उपचार वह भी लहसुन के प्रयोग से।
डायरिया में लहसुन अदरक बहुत ही लाभदायक है, लहसुन अदरक को समान मात्रा में पीसकर उसमें काला नमक तथा काली मिर्च लगभग १०/20 काली मिर्च मिलाकर चटनी बना ले, यह चटनी रोगी को दिन में तीन चार बार नियमित रूप से खिलानी चाहिए, लगभग 1 टेबलस्पून की मात्रा में प्रत्येक बार इस चटनी के प्रयोग से हमें बहुत फायदा होता है ,डायरिया का प्रभाव चटनी के प्रयोग से तुरंत कम होने लगता है और कुछ ही दिनों में आप पूरी तरीके से डायरिया मुक्त हो जाते हैं.
इसके बाद में एक और अनुभूत नुस्खा आपको बताऊंगा फिटकरी का, फिटकरी आधा ग्राम लेना है, और उसको कच्चे नारियल के पानी में घोलकर थोड़ी थोड़ी देर में रोगी को पिलाते रहना है ,इसको आप जितना भी पी सकते है काफी कारगर है।
इसके आलावा एक और नुस्खा भी कर सकते है , सबसे पहले पानी को उबालकर ठंडा कर लेना है, इस पानी में अजवाइन के पत्तों को पीसकर मिक्स कर देना है, 2 घंटे बाद इस पानी को आधा आधा ग्राम फिटकरी भस्म के साथ में चार चम्मच रोगी को देना है, इस उपाय के प्रयोग से 48 घंटे के अंदर अंदर पूरी तरीके से ठीक हो जाएगा, इसके अलावा यह जो प्रयोग है, इनको आप बच्चों पर भी कर सकते हैं ,दवाई की मात्रा को आधे से भी कम कर के बच्चों को भी दे सकते उनके भी डायरिया में पूरी तरीके से आराम मिलेगा, सबसे जरुरी है बारिश के मौसम में स्वच्छ पानी पिए, सफाई का ध्यान रखें, और इस रोग से बचे रहें, यदि फिर भी यह रोग पकड़ लेता है ,उस स्थिति में अंग्रेजी दवाइयों का इस्तेमाल नही करते हुए साधारण घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें और अपना और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रखें।
वर्षा ऋतु की परेशानियां हैजा (डायरिया ) का पक्का इलाज है लहसुन
बारिश के मौसम में डायरिया और हैजा जैसी समस्याएं बहुत ज्यादा फैलती है, डायरिया को हैजा की प्रारंभिक स्थिति कहा जाता है ,यह एक संक्रामक रोग होता है, यह रोग अधिकतर बरसात के दिनों में अपना प्रभाव दिखाता है, यह रोग दूषित पानी पीने से, रोगाणु रहित भोजन करने से, गंदे स्थान पर रहने से, बरसात का पानी जिस जगह पर इकट्ठा हो वहां पर यह रोग फैलता है ,इसका मुख्य कारण संक्रमण ही होता है, इस रोग के लक्षण दस्त और उल्टी के साथ शुरू होते हैं जिसे डायरिया कहा जाता है उचित देखभाल व उपचार ना होने पर यह हैजा का रूप धारण कर लेता है ,हाथ पैरों में अकड़न, प्यास का अधिक लगना ,पूरे शरीर में दर्द , थोड़ी थोड़ी देर में पेट में अकड़न हो , ये कुछ लक्षण है डायरिया के , हम आपको बताएंगे डायरिया का घरेलू उपचार वह भी लहसुन के प्रयोग से।
डायरिया में लहसुन अदरक बहुत ही लाभदायक है, लहसुन अदरक को समान मात्रा में पीसकर उसमें काला नमक तथा काली मिर्च लगभग १०/20 काली मिर्च मिलाकर चटनी बना ले, यह चटनी रोगी को दिन में तीन चार बार नियमित रूप से खिलानी चाहिए, लगभग 1 टेबलस्पून की मात्रा में प्रत्येक बार इस चटनी के प्रयोग से हमें बहुत फायदा होता है ,डायरिया का प्रभाव चटनी के प्रयोग से तुरंत कम होने लगता है और कुछ ही दिनों में आप पूरी तरीके से डायरिया मुक्त हो जाते हैं.
इसके बाद में एक और अनुभूत नुस्खा आपको बताऊंगा फिटकरी का, फिटकरी आधा ग्राम लेना है, और उसको कच्चे नारियल के पानी में घोलकर थोड़ी थोड़ी देर में रोगी को पिलाते रहना है ,इसको आप जितना भी पी सकते है काफी कारगर है।
इसके आलावा एक और नुस्खा भी कर सकते है , सबसे पहले पानी को उबालकर ठंडा कर लेना है, इस पानी में अजवाइन के पत्तों को पीसकर मिक्स कर देना है, 2 घंटे बाद इस पानी को आधा आधा ग्राम फिटकरी भस्म के साथ में चार चम्मच रोगी को देना है, इस उपाय के प्रयोग से 48 घंटे के अंदर अंदर पूरी तरीके से ठीक हो जाएगा, इसके अलावा यह जो प्रयोग है, इनको आप बच्चों पर भी कर सकते हैं ,दवाई की मात्रा को आधे से भी कम कर के बच्चों को भी दे सकते उनके भी डायरिया में पूरी तरीके से आराम मिलेगा, सबसे जरुरी है बारिश के मौसम में स्वच्छ पानी पिए, सफाई का ध्यान रखें, और इस रोग से बचे रहें, यदि फिर भी यह रोग पकड़ लेता है ,उस स्थिति में अंग्रेजी दवाइयों का इस्तेमाल नही करते हुए साधारण घरेलू नुस्खों का प्रयोग करें और अपना और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रखें।

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